Chitrangada Sharan' s Blog
Monday, October 24, 2016
Samay ki Raftar--A Hindi Poem! By Chitrangada Sharan
समय की रफ़्तार
समय की रफ़्तार को क्या कहिये ,
कुछ मौसम के आने जाने में निकल गया,
कुछ त्योहारों को मानाने में बीत गया ,
बचा था कुछ और जो ,
किसी के इंतेज़ार में बीत गया।
चित्रांगदा शरण 24th October, 2016
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