Monday, August 19, 2013

Tanhaiyon mein aksar----






तन्हाइयों  में  अक्सर ----

 सिर्फ  ख़ामोशी ही  जब बोलती  है , 
 सिर्फ  परछाई  ही  जब  साथी  होती  है,
और किसी के आने  की आस होती है ---


ये  हवाएँ , ये खिड़कियाँ, ये दरवाजे ,
सभी  ख़ामोशी  से कुछ  कह  जाते  हैं--
शायद  किसी के आने  की  खबर  देते हैं---


हम  तो  नादान  ठहरे --
अक्सर  इनकी  बातों में  आ  ही जाते  हैं 
और  दरवाजे  तक भाग  ही आते हैं ---

लेकिन  कौन  समझाए  इस  दिल को ,
आने वाले  खबर  नहीं भेजते ,
वो  तो  बस  आ  ही जाते हैं। 

Chitrangada Sharan
All Rights Reserved.    



Image source: Chitrangada Sharan Images








No comments:

Post a Comment