सिर्फ ख़ामोशी ही जब बोलती है ,
सिर्फ परछाई ही जब साथी होती है,
और किसी के आने की आस होती है ---
ये हवाएँ , ये खिड़कियाँ, ये दरवाजे ,
सभी ख़ामोशी से कुछ कह जाते हैं--
शायद किसी के आने की खबर देते हैं---
हम तो नादान ठहरे --
अक्सर इनकी बातों में आ ही जाते हैं
और दरवाजे तक भाग ही आते हैं ---
लेकिन कौन समझाए इस दिल को ,
आने वाले खबर नहीं भेजते ,
वो तो बस आ ही जाते हैं।
Chitrangada Sharan
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Image source: Chitrangada Sharan Images
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